नवग्रह और उनके जीवन पर प्रभाव: समझें और उपाय करें
planetary influence in our life and solution.


नवग्रह का महत्व
नवग्रह का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। यह नौ ग्रह हैं जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को नियंत्रित करते हैं: सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। हर ग्रह का अपना एक अलग प्रभाव होता है और उन प्रभावों को अनुकूल करने के लिए अलग-अलग उपाय किए जाते हैं। इस ब्लॉग में हम नवग्रहों के प्रभाव और उन्हें अनुकूल करने के उपायों पर चर्चा करेंगे।
सूर्य (Sun)
सूर्य का हमारे आत्म-सम्मान, नेतृत्व क्षमता और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव होता है। इसके सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
सुबह सूर्य को जल अर्पण करें।
आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
रविवार को व्रत रखें।
लाल रंग के कपड़े पहनें।
जप संख्या: 7000
चंद्रमा (Moon)
चंद्रमा का मन, भावनाएँ और माता से संबंधों पर प्रभाव होता है। इसे अनुकूल करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
सोमवार का व्रत रखें।
सफेद चंदन का तिलक करें।
चंद्र यंत्र की स्थापना करें।
चावल और दूध का दान करें।
जप संख्या: 11000
मंगल (Mars)
मंगल का प्रभाव हमारे साहस, ऊर्जा और संघर्ष क्षमता पर होता है। इसे अनुकूल करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
मंगलवार का व्रत रखें।
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
लाल रंग के वस्त्र पहनें।
मसूर की दाल का दान करें।
जप संख्या: 10000
मंत्र: "ॐ अंगारकाय नमः"
उपाय:मंगलवार का व्रत रखें।
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
लाल मसूर का दान करें।
4. बुध (Mercury)
प्रभाव: बुद्धि, वाणी, व्यापार
स्वामी राशि: मिथुन (Gemini), कन्या (Virgo)
स्वामी नक्षत्र: अश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती
दशा अवधि: 17 वर्ष
जप संख्या: 17000
मंत्र: "ॐ बुधाय नमः"
उपाय:बुधवार का व्रत रखें।
हरे रंग की वस्तुओं का दान करें।
गणपति की पूजा करें।
5. बृहस्पति (Jupiter)
प्रभाव: ज्ञान, शिक्षक, धार्मिकता
स्वामी राशि: धनु (Sagittarius), मीन (Pisces)
स्वामी नक्षत्र: पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपदा
दशा अवधि: 16 वर्ष
जप संख्या: 19000
मंत्र: "ॐ बृहस्पतये नमः"
उपाय:गुरुवार का व्रत रखें।
हल्दी और पीली वस्तुओं का दान करें।
पीपल के पेड़ की पूजा करें।
6. शुक्र (Venus)
प्रभाव: प्रेम, कला, सुंदरता
स्वामी राशि: वृषभ (Taurus), तुला (Libra)
स्वामी नक्षत्र: भरणी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा
दशा अवधि: 20 वर्ष
जप संख्या: 16000
मंत्र: "ॐ शुक्राय नमः"
उपाय:शुक्रवार का व्रत रखें।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
चावल और दही का दान करें।
7. शनि (Saturn)
प्रभाव: कर्म, धैर्य, न्याय
स्वामी राशि: मकर (Capricorn), कुंभ (Aquarius)
स्वामी नक्षत्र: पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपदा
दशा अवधि: 19 वर्ष
जप संख्या: 23000
मंत्र: "ॐ शनैश्चराय नमः"
उपाय:शनिवार का व्रत रखें।
काले तिल और सरसों का दान करें।
शनि स्तोत्र का पाठ करें।
8. राहु (Rahu)
प्रभाव: इच्छाएँ, धोखा, छाया ग्रह
स्वामी राशि: कोई निश्चित राशि नहीं
स्वामी नक्षत्र: अरद्रा, स्वाति, शतभिषा
दशा अवधि: 18 वर्ष
जप संख्या: 18000
मंत्र: "ॐ रां राहवे नमः"
उपाय:शनिवार को सरसों का तेल दान करें।
राहु स्तोत्र का पाठ करें।
नीले और काले रंग की वस्तुओं का दान करें।
9. केतु (Ketu)
प्रभाव: मोक्ष, रहस्य, आध्यात्मिकता
स्वामी राशि: कोई निश्चित राशि नहीं
स्वामी नक्षत्र: अश्विनी, मघा, मूल
दशा अवधि: 7 वर्ष
जप संख्या: 17000
मंत्र: "ॐ कें केतवे नमः"
उपाय:गणेश भगवान की पूजा करें।
कंबल और लाल वस्त्र का दान करें।
शनिवार का व्रत रखें।
ग्रहों की दशाएँ और उनकी अवधि
सूर्य: 6 वर्ष
चंद्रमा: 10 वर्ष
मंगल: 7 वर्ष
राहु: 18 वर्ष
बृहस्पति: 16 वर्ष
शनि: 19 वर्ष
बुध: 17 वर्ष
केतु: 7 वर्ष
शुक्र: 20 वर्ष
निष्कर्ष
नवग्रह का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। इन ग्रहों के प्रभाव को समझकर और उपयुक्त उपाय अपनाकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। प्रत्येक ग्रह के लिए उचित मंत्र जपना और विशिष्ट उपाय करना हमारे जीवन को समृद्ध बना सकता है।
उपरोक्त उपायों को अपनाकर आप नवग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। हर ग्रह की अपनी विशिष्टता होती है और उसके अनुसार उपाय करना आवश्यक होता ह
आचार्य प्रकाश
ध्यान सिद्धि, चिकित्सा शिक्षक, वैदिक ज्योतिषी, वेद विज्ञान विशेषज्ञ सलाहकार
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